अमन का पैग़ाम
- हे राम मà¥à¤à¥‡ बचाà¤" इन नफरत के à¤"र इंसानियत के सौदागरों से आज कल बहà¥à¤¤ से बà¥à¤²à¥‹à¤—ेरà¥à¤¸ ना जाने कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नफरतों के बीज बोने मैं बड़े ही ज़ोर शोर से लगे हà¥à¤ हैं, धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ à¤"र à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤"ं का सहारा ले के हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤"र मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के बीच नफरत फैला रहे हैं. यकीनन इसमें उनका कोई ना कोई जाती फैदा ही होगा, वरना धरà¥à¤® तो कोई à¤à¥€ हो इंसानियत के खिलाफ नफरत का पैग़ाम देने को सही नहीं कहता, à¤à¤• इंसान कà¤à¥€ ज़ालिम नहीं हो सकता जब तक की वोह किसी बड़ी लालच मैं अà¤à¤§à¤¾ ना हो जाà¤.. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦ को तिलांजलि देकर धारà¥à¤®à¤¿à¤• कटà¥à¤Ÿà¤°à¤µà¤¾à¤¦ की राह पर चलना इंसानियत के खिलाफ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि…
- वे सिमिलैरिटी यानी समानता की बात करते हैं à¤"र हम इकà¥à¤µà¥ˆà¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ यानी बराबरी की बात करते हैं आज बहà¥à¤¤ सी बातें à¤à¤• साथ घूम रही है, चलिठकà¥à¤› इधर की कà¥à¤› उधर की बातें हो जाà¤à¤‚: पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤"र हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का अंतर: हमारी पूरà¥à¤µà¥€ तहज़ीब à¤"र पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ तहज़ीब में ख़ास फरà¥à¤•़ है. वे सिमिलैरिटी यानी समानता की बात करते हैं à¤"र हम इकà¥à¤µà¥ˆà¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ यानी बराबरी की बात करते हैं. हम समानता की बात इसीलिठनहीं करते कि हर समाज à¤"र हर मज़हब में हर काम à¤"रत से नहीं लिया जा सकता. जैसे मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ à¤"रत मà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡ को क़बà¥à¤° में नहीं उतार सकती, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि खà¥à¤¦à¤¾ ने उसके दिल को ममता से à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† बनाया है. à¤à¤¸à¤¾ न…
- आतंकवाद:आवशà¥à¤¯à¤•ता है वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•ता को पहचानने की à¤à¤• दिन मैं अपने पà¥à¤°à¤¿à¤¯ मितà¥à¤° के घर गया. बड़े मूड मैं थे, कहने लगे अरे यार अपना यह छत का पंखा आज कल आतंकवादी हो गया है. मैंने आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ से पà¥à¤›à¤¾ à¤à¤¾à¤ˆ माजरा कà¥à¤¯à¤¾ है. बोले मेरे à¤à¤• कमरे मैं कबूतर बहà¥à¤¤ आते थे, कल अचानक à¤à¤• कबूतर पंखे से टकरा गया. अब कोई à¤à¥€ कबूतर उस पंखे के पास नहीं आता. मैंने कहा किस कंपनी का पंखा है, मितà¥à¤° बोले खेतान का, मैं सोंचने लगा आतंकवादी इस पंखे को कहूठया खेतान को? सच तो यह है की आतंकवाद à¤à¤• विचारधारा है , जिसका ना कोई…
- मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीने के अधिकार: मानवाधिकार आज के दौर मैं पà¥à¤°à¥‡à¤® सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ की जगह अब नफरत के गरà¥à¤® बाज़ार ने ले ली है. बस किसी à¤à¥€ तरह से इंसानों के जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤ को à¤à¤¡à¤¼à¤•ाà¤" à¤"र à¤à¤• दूसरे के दिलों मैं नफरत पैदा करो. धरà¥à¤® की आड़ मैं, कà¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के बटवारे की आड़ मैं, कà¤à¥€ बादशाहों के किरदार की आड़ मैं । नफरत के बीज दिलों मैं à¤à¤¸à¥‡ बोये जा रहे हैं जैसे इंसानियत à¤"र मानवाधिकार का कोई वजूद ही नहीं रह गया हो। यह लेख़ उनलोगों के लिठहै जो यह नहीं जान पाते की आखिर इसà¥à¤²à¤¾à¤® है कà¥à¤¯à¤¾? यह अमन à¤"र शांति का…
- हमारे धरà¥à¤® के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त कà¥à¤› à¤"र कहते हैं à¤"र हमारा जीवन कà¥à¤› à¤"र हो जाता है हर इंसान इस समाज मैं शांति से जीना चाहता हैं, फिर à¤à¥€ समाज मैं अशांति देखने को मिलती है , कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? धरà¥à¤® कोई à¤à¥€ हो समाज मैं अमन शांति, पà¥à¤°à¥‡à¤®, à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देता है. लेकिन यह à¤à¥€ सतà¥à¤¯ है की आज धरà¥à¤® के नाम पे ही सबसे अधिक नफरत फैलाई जा रही है à¤"र गनà¥à¤¦à¥€ राजनीती की जा रही है . कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? à¤à¤• समय था जब अगर कोई साधू या मौलवी होता था तो समाज उसको इजà¥à¤œà¤¼à¤¤ की नजर से देखता था. धरà¥à¤® की बातें करने वाला,धारà¥à¤®à¤¿à¤• उपदेश देने वाला, शांति दूत लगता था. आज धरà¥à¤® की बातें…
- कà¥à¤¯à¤¾ हम सच मैं इंसान रह गठहैं? अकà¥à¤¸à¤° कà¥à¤› खबरें à¤à¤¸à¥€ हà¥à¤† करती हैं, जो हमें बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सोंचने पे मजबूर कर देती हैं. आज का हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ टाइम उठाया à¤"र मà¥à¤–à¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤·à¥à¤ पे ही , à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ खबर पे नजर गयी जिस से बहà¥à¤¤ देर तक मन विचलित रहा à¤"र सोंचता रहा. कà¥à¤¯à¤¾ हम वासà¥à¤¤à¤µ मैं इंसान हैं? कà¥à¤¯à¤¾ अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ अपनी à¤"लाद के पà¥à¤°à¥‡à¤® से à¤à¥€ अधिक ताक़तवर हà¥à¤† करता है? मà¥à¤‚बई जैसे महानगर का à¤à¤• सबरà¥à¤¬ है नालासोपारा , वहाठà¤à¤• à¤à¤• ५ साल के बचà¥à¤šà¥‡ à¤"र ३ साल की बचà¥à¤šà¥€ की गलाघोंट के कà¥à¤šà¤² के ,हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गयी. इस परिवार मैं, इन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की…
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Trying To Build Society based on Peace and Justice
The one who love Imam e zaman(a.t.f.s) must be prepared to struggle and
labour his self, his pen and his wealth in the way of Imam e
zaman(a.t.f.s)
I remember the words of Imam (a.s), that we are responsible for the
duty, and not for the result. A warm smile washes away the tension of
confusion, as I thank Allah for the presence of my friend, whom Allah
may protect, and guide
IMAM E ZAMANA (a.f.t.s) Bless you And All Your Family those help others
and learn islam.
Syed Mohamad Masoom Abidi
MARKETPLACE
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