अमन का पैग़ाम
- मà¥à¤‚बई लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨ मैं देखें इंसानों के कई चेहरे à¤à¤• साथमà¥à¤‚बई की लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ मैं सफ़र का तजà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾ सालो रहा है ,आज कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ अखबार मैं पढ़ लिया की दिल चाहा आप सब से कà¥à¤› कह डालूं. मà¥à¤‚बई लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨ मैं सफ़र करना à¤à¤• जंग जीतने से कम नहीं है. कहा जाता है मà¥à¤‚बई à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ शहर है जो कà¤à¥€ नहीं सोता लेकिन मà¥à¤‚बई के रहने वाले लोग लोकल टà¥à¤°à¥‡à¤¨ मैं खड़े खड़े à¤à¥€ सो लेने मैं माहिर हैं..चरà¥à¤šà¤—ेट , मà¥à¤‚बई वीटी ,दादर,विरार इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ मैं , टà¥à¤°à¥‡à¤¨ आने के पहले सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पे खड़ी à¤à¥€à¤¡à¤¼ का नज़ारा देख के अचà¥à¤›à¥‡ अचà¥à¤›à¥‹à¤‚ के पसीने छूट जाते हैं. à¤"र टà¥à¤°à¥‡à¤¨ रà¥à¤•ने…
- जलेबी अगर ये समà¤à¥‡ कि उससे ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सीधा à¤"र कोई नहीं, तो समà¤à¤¤à¥€ रहे....धरà¥à¤® का सारा सार आ जाता है à¤"र ये चार पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ मैं बचपन से सà¥à¤¨à¤¤à¤¾ - बोलता आया हूठ..आपने à¤à¥€ सà¥à¤¨à¥€-पढ़ी होंगी : 1 धरà¥à¤® की जय हो 2 अधरà¥à¤® का नाश हो 3 पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में सदà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ हो 4 विशà¥à¤µ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ हो -अलबेला खतà¥à¤°à¥€ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ साथियों ! आज ज़िनà¥à¤¦à¤—ी में पहले से ही इतना तनाव है कि कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤"र ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तनाव à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥‡ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में नहीं है इसके बावजूद अगर वह नये वाद विवाद खड़े करता है à¤"र बिना कारण करता है तो उसे बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ साहितà¥à¤¯à¤•ार अथवा कलमकार कहलाना इसलिठशोà¤à¤¾ नहीं देगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनका…
- à¤à¤²à¥‡ लोगों से अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का यà¥à¤¦à¥à¤§ था करà¥à¤¬à¤²à¤¾…हमारी à¤"र से à¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि……à¤à¤¸ à¤à¤®à¥ मासूमइंदौर की अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ जी का शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस पोसà¥à¤Ÿ को बेहतरीन अंदाज़ मैं पढ़ा.. आप सब à¤à¥€ सà¥à¤¨à¥‡. इमाम हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ की शहादत को नमन करते हà¥à¤ हमारी à¤"र से शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि…इस लेख़ के ज़रिये मैंने à¤à¤• कोशिश की है यह बताने की के धरà¥à¤® कोई à¤à¥€ हो जब यह राजशाही , बादशाहों, नेताà¤"ं का ग़à¥à¤²à¤¾à¤® बन जाता है तो ज़à¥à¤²à¥à¤® à¤"र नफरत फैलाता है à¤"र जब यह अपनी असल शकà¥à¤² मैं रहता है तो, पैग़ाम ठमà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ "अमन का पैग़ाम " बन जाता है. …..à¤à¤¸ à¤à¤®à¥ मासूम à¤à¤• दिन बाद माह ठमà¥à¤¹à¤°à¥à¤°à¤® का चाà¤à¤¦ आसमान पे दिखने लगेगा.…
- ये दो à¤à¤¾à¤µ पà¥à¤·à¥à¤ª अरà¥à¤ªà¤£ कर रहा हूठ..अमित शरà¥à¤®à¤¾à¤ªà¥‡à¤¶ ठखिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की दसवीं पेशकश अमित शरà¥à¤®à¤¾ जी, जो इस बà¥à¤²à¥‰à¤—जगत मैं तारà¥à¤°à¥à¤«à¤¼ के मà¥à¤¹à¤¤à¤¾à¤œ नहीं.. ये दो à¤à¤¾à¤µ पà¥à¤·à¥à¤ª अरà¥à¤ªà¤£ कर रहा हूठ, अगर अगर आप सबको पसंद आये तो खà¥à¤¶à¤•िसà¥à¤®à¤¤ मानूंगा अपने को ----शांति à¤"र à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ की आज पà¥à¤°à¥‡ विशà¥à¤µ को ज़रà¥à¤°à¤¤ है अ-मन अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ अपने मन के पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ वैमनसà¥à¤¯ के दमन से ही समाज में अमन की बयार बह सकती है. अपने मन के विचारों को ही उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ मानकर समाज से अपेकà¥à¤·à¤¾ करना की पूरा समाज हमारे मनोअनà¥à¤•ूल चले, आपसी दà¥à¤µà¥‡à¤· को…
- यहाठपर लोग अपने फरà¥à¤• को à¤à¥à¤²à¤¾ कर à¤à¤• खूबसूरत मकसद के लिठजà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ हैं…अंजना (गà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾)पेश ठखिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की नवीं पेशकश …अंजना जी (गà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾) "अमन का पैगाम à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ मंच है जहाठपर लोग अपने फरà¥à¤• à¤à¥à¤²à¤¾ कर à¤à¤• खूबसूरत मकसद के लिठजà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ हैं... अमन के लिठजà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ हैं! काश ये कोशिश कामयाब हो à¤"र जो नफरत à¤"र खà¥à¤¦à¤—रà¥à¤œà¤¼à¥€ की गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ कर रहे हैं, à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ à¤"र मोहबà¥à¤¬à¤¤ की आजाद दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में जीना सीख सकें. अमन के ज़रिये ही हम आने वाली नसà¥à¤² के लिठà¤à¤• ठोस मà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•बिल मà¥à¤¹à¤¯à¥à¤¯à¤¾ करवा सकते हैं... वो, जिसने सबकà¥à¤› बनाया, सबको साà¤à¤¸à¥‡ दीं, किसी à¤à¥€ मासूम के क़तà¥à¤² से…
- à¤à¤¸à¥‡ लेखों को जहाठदूसरों को गलियां दी जा रही हो, मज़े ले-लेकर पढ़ते हैं..शाहनवाज़पेश ठखिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की आठवीं पेशकश बà¥à¤²à¥‰à¤—जगत की शान à¤à¤• सà¥à¤²à¤à¤¾ हà¥à¤† इंसान ..शाहनवाज़ सिदà¥à¤¦à¥€à¤•ीकà¥à¤¯à¤¾ मंदिर-मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ किसी इंसान की जान से बढ़कर हो सकते है? मेरी नज़र में बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ इन लोगो में नहीं बलà¥à¤•ि कहीं न कहीं हमारे अनà¥à¤¦à¤° है, हम à¤à¤¸à¥‡ लेखों को जहाठदूसरों को गालियाठदी जा रही हो, मज़े ले-लेकर पढ़ते हैं. कà¥à¤¯à¤¾ कà¤à¥€ हमने विरोध की कोशिश की? आज समय दूसरों को बà¥à¤°à¤¾ कहने की जगह अपने अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤¾à¤à¤• कर देखने का है, मेरे विचार से शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ मेरे अनà¥à¤¦à¤° से होनी चाहिà¤. - शाहनवाज़ सिदà¥à¤¦à¥€à¤•ी…
- देश, सदà¤à¤¾à¤µ à¤"र शांति। …तारकेशà¥à¤µà¤° गिरीपेश ठखिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की सातवीं पेशकश..हर दिल अज़ीज़ .......तारकेशà¥à¤µà¤° गिरि ....à¤à¤¸.à¤à¤®.मासूम à¤à¤• जमाना था जब महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ जी ने शांति का बीड़ा उठाया था तो उस से हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ को तो आजादी मिली ही साथ मैं साउथ अफà¥à¤°à¥€à¤•ा जैसे पिछड़े हà¥à¤ देश के लोगो को à¤à¥€ फायदा मिला। जिसका नतीजा आज हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ ही नहीं बलà¥à¤•ि पà¥à¤°à¥‡ संसार में महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ जी के विचारो को लोग पढ़ते हैं, तथा अपने जीवन मैं लागॠà¤à¥€ करते हैं। मेरा अनà¥à¤°à¥‹à¤§ है सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤ˆ बहनों से ,मासूम साहब के चलाठइस इस अमन के पैग़ाम को…
- कौन-सा पैगाम... à¤"र किसके नाम...???…पूजा शरà¥à¤®à¤¾"आज अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें" की छठी पेशकश. आज मिलिठपूजा शरà¥à¤®à¤¾ जी से जो खà¥à¤¯à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ को बेहतरीन अंदाज़ मैं कलमबंद करने मैं माहिर हैं. पूजा जी की लेखनी की धार के सà¤à¥€ काà¤à¤² हैं .मà¥à¤à¥‡ यकीन है की à¤à¤• दिन पूजा आसमान की ऊंचाइयों को छà¥à¤à¤‚गी. शà¥à¤à¤•ामनाà¤"ं के साथ पेश हैं. सच कहूं तो आज लोगों को समà¤à¤¾à¤¨à¤¾ जितना मà¥à¤¶à¥à¤•िल है उतना ही जरूरी à¤à¥€... जब यूं बात चली थी अमन, चैन की बातें करने के लिà¤, लोगों को समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिà¤, तो à¤à¤• पल दिमाग सà¥à¤¨à¥à¤¨ हो गया कि किसे समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ जायेंगे??? आजकल…
- दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨.. ! …BY…देवेनà¥à¤¦à¥à¤° पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯….विवेक रसà¥à¤¤à¥‹à¤—ीबनारस से मेरा बहà¥à¤¤ ही गहरा रिशà¥à¤¤à¤¾ रहा है. सà¥à¤¬à¤¹à¥‡ बनारस दशाशà¥à¤µà¤®à¥‡à¤˜ घाट पे बैठके देखना मेरा शौक रहा है. आज अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की पांचवी शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ मैं पेश हैं ...देवेनà¥à¤¦à¥à¤° पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ जी बनारस से.... à¤"र ….विवेक रसà¥à¤¤à¥‹à¤—ी जी मà¥à¤‚बई से दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨.. ! तड़पता है मेरे à¤à¥€à¤¤à¤° कोई मà¥à¤à¤¸à¤¾ मचलता है बार-बार बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की तरह जिद करता है हर उस बात के लिठजो मà¥à¤à¥‡ अचà¥à¤›à¥€ नहीं लगती। वह सफेद दाढ़ी वाले मौलाना को à¤à¥€ साधू समà¤à¤¤à¤¾ है ! जबकि मैं उसे समà¤à¤¾à¤¤à¤¾ हूठ.. 'हिनà¥à¤¦à¥‚' ही साधू होते हैं वह तो…
- इस मिटà¥à¤Ÿà¥€ में जनमा जो , आख़िर वो यहीं समाà¤à¤—ा !...राजेनà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤•ारपेश ठखिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की चौथी पेशकश ...राजेनà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤•ार बीकानेर से कà¥à¤› इस तरह से "अमन का पैग़ाम दे रहे हैं….. सच में आज इंसान इंसानियत खो'कर कà¥à¤› à¤"र ही बनता जा रहा है । मेरे à¤à¤• गीत की कà¥à¤› पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आपको सादर समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ हैं ये हिंदू है ! ये है मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® ! हिंदू कहां जाà¤à¤—ा पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ ! कहां मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤‚ जाà¤à¤—ा ? इस मिटà¥à¤Ÿà¥€ में जनमा जो , आख़िर वो यहीं समाà¤à¤—ा ! ये हिंदू है ! ये है मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® ! ऊपरवाला कब कहता ? आदम की à¤"लाद ! तू…
- ये ग़ज़ल अमà¥à¤¨ à¤"र शांति का संदेश देने के साथ साथ à¤à¤• चेतावनी à¤à¥€ है देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ के लिये.….इसà¥à¤®à¤¤ जैदीपेश ठखिदमत है इसà¥à¤®à¤¤ जैदी "शेफा कजगांवी " अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की तीसरी पेशकश…… ये ग़ज़ल अमà¥à¤¨ à¤"र शांति का संदेश देने के साथ साथ à¤à¤• चेतावनी à¤à¥€ है देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ ,फ़िरक़ा परसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ à¤"र मज़हब को मोहरा बनाने वालों के लिये, अलà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾ इक़बाल ने कहा था -"कà¥à¤› बात है कि हसà¥à¤¤à¥€ मिटती नहीं हमारी" à¤"र वो बात है हमारी गंगा जमनी तहज़ीब ,हमारा à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¤¾ à¤"र हमारी à¤à¤•ता. ….इसà¥à¤®à¤¤ जैदी इस यक़ीन के साथ कि हम à¤à¤• थे à¤à¤• हैं à¤"र à¤à¤• रहेंगे ,ये ग़ज़ल पेशे ख़िदमत है. ...........दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का इरादा à¤"र है …
- बà¥à¤²à¥‰à¤—जगत à¤à¤• परिवार लेकिन सावधानी हटी दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ घटीइस बà¥à¤²à¥‰à¤—जगत मैं रोजाना बहà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को पढता हूà¤, बहà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ पाता हूठबहà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के सामने अपने विचार पà¥à¤°à¤•ट करता हूà¤. कोशिश हर पल यही रहती है की समाज मैं रहने वाले दो दिलों के बीच हमेशा पà¥à¤°à¥‡à¤® बना रहे. जिस समाज मैं हम रहते हैं वहाठआज à¤à¥€ अमन à¤"र शांति कोई बड़ी पà¥à¤°à¥‰à¤¬à¥à¤²à¤® नहीं है. हमारी बड़ी पà¥à¤°à¥‰à¤¬à¥à¤²à¤® है, ग़रीबी, बेरोजगारी, अशिकà¥à¤·à¤¾ .अगर इन का हल जलà¥à¤¦ नहीं निकाला गया तो यकीनन हमारी सबसे बड़ी पà¥à¤°à¥‰à¤¬à¥à¤²à¤® "समाज मैं अमन à¤"र शांति का ना होना" ही होगी. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बेरोजगार तो फिर खाली दिमाग , शैतान का घर होता…
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Trying To Build Society based on Peace and Justice
The one who love Imam e zaman(a.t.f.s) must be prepared to struggle and
labour his self, his pen and his wealth in the way of Imam e
zaman(a.t.f.s)
I remember the words of Imam (a.s), that we are responsible for the
duty, and not for the result. A warm smile washes away the tension of
confusion, as I thank Allah for the presence of my friend, whom Allah
may protect, and guide
IMAM E ZAMANA (a.f.t.s) Bless you And All Your Family those help others
and learn islam.
Syed Mohamad Masoom Abidi
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